Karwachauth 2025: करवा चौथ 2025 में कब है? जानिए सही तारीख, पूजा विधि, व्रत कथा !

 

 

 

 

 

#करवा चौथ 2025: तारीख, पूजा विधि, व्रत कथा और ज्योतिष की दृष्टि से जानते हैं! आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में करवाचौथ 2025 से जुड़ी जानकारी लेकर प्रस्तुत है!

 

 

 

भारतवर्ष में व्रत और त्योहारों की एक समृद्ध परंपरा है, जिसमें करवा चौथ का विशेष महत्व है! यह व्रत विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और स्वस्थ जीवन के लिए रखा जाता है! इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जल और निराहार व्रत रखती हैं तथा रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करती हैं।

 

#करवा चौथ 2025 में कब है?

 

**करवा चौथ 2025 की तारीख: शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025**

 

 

#करवा चौथ व्रत की पूजा विधि**

 

करवा चौथ की पूजा दिन भर की साधना और रात्रि की विशेष पूजा पर आधारित होती है! इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करती हैं, जो उनकी सास द्वारा दी जाती है! इसके बाद दिनभर व्रत रखती हैं और चंद्रोदय के समय पूजा संपन्न करती हैं!

 

#करवाचौथ पूजा की तैयारी:**

 

1. **सरगी**: ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद सास द्वारा दी गई सरगी को ग्रहण करें। इसमें फल, मिठाई, सूखे मेवे, और हल्का नाश्ता होता है!

 

2. **श्रृंगार**: सुहागिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखते हुए अच्छे से श्रृंगार करती हैं! लाल या गुलाबी रंग की साड़ी, चूड़ियाँ, बिंदी, सिंदूर, और मंगलसूत्र पहनना शुभ माना जाता है!

 

3. **पूजन सामग्री**:

 

* करवा (मिट्टी या तांबे का पात्र)

* दीया

* रोली, चावल, फल, फूल

* चलनी

* मिठाई

* एक थाली और लोटा

* गणेश जी और करवा माता की तस्वीर या मूर्ति

 

#करवाचौथ पूजा विधि:**

 

 

 

1. **सायंकाल पूजा**: चंद्रोदय से पहले समूह में या घर पर ही महिलाएं एकत्रित होकर कथा सुनती हैं!

 

2. **कथा पाठ**: करवा चौथ की कथा सुनी जाती है, जिसमें सत्यवती और करवा माता की पौराणिक कहानी सुनाई जाती है!

3. **छन्नी से चंद्र दर्शन**: चंद्रमा उदय होने पर महिलाएं छन्नी से चंद्रमा और फिर अपने पति को देखती हैं!

 

4. **अर्घ्य देना**: चंद्रमा को दूध, जल और चावल से अर्घ्य देकर प्रार्थना की जाती है!

 

5. **व्रत खोलना**: पति के हाथों से पानी पीकर और मिठाई खाकर व्रत खोला जाता है!

 

#करवा चौथ व्रत कथा**

 

बहुत समय पहले की बात है, एक साहूकार के सात पुत्र और एक पुत्री थी। उसका नाम था **वीरावती**! सातों भाई अपनी बहन से अत्यधिक प्रेम करते थे। एक बार वीरावती मायके आई और करवा चौथ का व्रत रखा!

 

वह पूरे दिन भूखी-प्यासी रही और शाम होते-होते बेहोश हो गई! भाइयों से बहन की हालत देखी नहीं गई! उन्होंने मिलकर एक तरकीब निकाली और पेड़ पर दीपक टांग दिया तथा छलनी से उसे दिखाकर कहा कि चंद्रमा निकल आया है! वीरावती ने चंद्रमा समझकर अर्घ्य दिया और व्रत तोड़ दिया!

 

जैसे ही उसने व्रत तोड़ा, उसके पति की मृत्यु हो गई! उसने इस घटना पर दुखी होकर सच्चे मन से करवा माता की पूजा की और पूरे एक साल तक कठोर तप किया! करवा माता ने उसकी श्रद्धा से प्रसन्न होकर उसके पति को पुनः जीवनदान दिया!

 

इस कथा से यह संदेश मिलता है कि करवा चौथ का व्रत सच्चे मन से किया जाए तो जीवन में सुख और सौभाग्य अवश्य प्राप्त होता है

 

 

 

#ज्योतिषीय दृष्टि

 

करवा चौथ का व्रत केवल पारंपरिक ही नहीं, बल्कि ज्योतिष दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है!

 

#चंद्रमा और विवाहित जीवन:

 

ज्योतिष में चंद्रमा को मन, भावनाएं और रिश्तों का कारक माना गया है! करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सामंजस्य, प्रेम और मानसिक शांति बनी रहती है!

 

इस दिन महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर प्रार्थना करती हैं कि उनके पति का स्वास्थ्य उत्तम रहे और वैवाहिक जीवन सुखमय हो!

 

#चतुर्थी तिथि और गणेश पूजा:

 

चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है! इसलिए करवा चौथ के दिन गणेश जी की पूजा करने से विघ्नों का नाश होता है!

 

गणेश जी को प्रथम पूज्य माना जाता है, इस कारण किसी भी शुभ कार्य या व्रत की सिद्धि के लिए उनकी आराधना आवश्यक है!

 

 

 

 

#करवा चौथ से जुड़े कुछ विशेष नियम**

 

1. व्रत सूर्योदय से पूर्व सरगी लेकर शुरू किया जाता है!

2. पूरे दिन जल या भोजन का सेवन नहीं किया जाता (निर्जल व्रत)!

3. पति की दीर्घायु के लिए विशेष संकल्प लिया जाता है!

4. रात को चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत खोला जाता है!

5. इस व्रत को केवल विवाहित स्त्रियाँ करती हैं, परंतु कुछ कुंवारी लड़कियाँ भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इसे करती हैं!

 

 

#करवा चौथ व्रत के लाभ**

 

1. **पति की लंबी उम्र**: यह व्रत पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए अति शुभ माना गया है!

2. **वैवाहिक जीवन में सामंजस्य**: चंद्रमा की पूजा से मानसिक संतुलन और प्रेम बना रहता है!

3. **धार्मिक पुण्य**: यह व्रत तप, त्याग और श्रद्धा का प्रतीक है, जिससे स्त्रियों को आध्यात्मिक पुण्य प्राप्त होता है!

4. **धैर्य और आत्मबल**: दिनभर बिना जल के रहकर स्त्रियाँ अपने आत्मबल और संयम का परिचय देती हैं!

 

करवा चौथ केवल एक धार्मिक व्रत नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति में स्त्री के समर्पण, श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है! यह व्रत वैवाहिक जीवन को मजबूत बनाता है और रिश्तों में स्थायित्व लाता है!

 

2025 में यह व्रत 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा! महिलाएं इस दिन पूरे विधि-विधान से व्रत रखें और ईश्वर से अपने परिवार की खुशहाली और पति की दीर्घायु की प्रा

र्थना करें!

 

इस दिन का हर पल एक पवित्र तपस्या के समान है जो नारी की शक्ति और श्रद्धा को दर्शाता है!

Related posts:

केतु दे रहा है अशुभ फल,  केतु के अशुभ फल को कैसे समझें?

Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती पर जाने सिद्ध उपाय

Tulsi ke upay: तुलसी के पत्तो को छू कर ये एक मंत्र बोले ,चमत्कारी फायदे

Aditya hriday strot in hindi: जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है आदित्य हृदय स्त्रोत

मासिक दुर्गाष्टमी पर क्या दान करने से होती हैं धन की प्राप्ति ? नीम और तुलसी से अचानक धन वृद्धि उपाय...

धनतेरस के दिन करे ये खास उपाय, दिलाते है अपार धन का वरदान

कामदा एकादशी 2025: कब है? जाने व्रत विधि, तिथि, अथाह धन प्राप्ति उपाय

शुक्र होगा मजबूत ,धन की बरसात करती है शुक्र की महादशा

Chaturmas 2025: चातुर्मास 2025 में कब से कब तक? भगवान विष्णु को प्रसन्न करते है ये उपाय! मिलेंगे अदभ...

लाल किताब के किस्मत खोलने के अचूक 10 उपाय!अनूठे अनसुने उपाय कैसे जगाते है सोया हुआ भाग्य?

करोड़पति लोगो के घरों में ये 5 चीज़ें ज़रूर होती हैं जो बनाती है उन्हे करोड़पति

Shani Greh: बालों की खूबसूरती और शनि ग्रह का क्या है कनेक्शन? क्या आप भी हो रहे हैं गंजेपन के शिकार!